09 October 2025
भारतीय सेना और वायुसेना को मिलेंगे 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर, चेतक-चीता होंगे रिटायर

भारतीय सेना और वायुसेना को मिलेंगे 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर, चेतक-चीता होंगे रिटायर

नई दिल्ली। भारतीय सेना और वायुसेना अपने बेड़े से पुराने चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों को हटाने की तैयारी में हैं। इनकी जगह करीब 200 अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर शामिल किए जाएंगे। इस प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्रालय ने रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी कर दी है।

जानकारी के अनुसार, इन हेलिकॉप्टरों को रिकॉनेसेन्स एंड सर्विलांस हेलिकॉप्टर (RSH) श्रेणी में रखा जाएगा। इनमें से 120 सेना को और 80 वायुसेना को मिलेंगे। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि ये दिन और रात, दोनों समय में ऑपरेशन करने में सक्षम होंगे। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी, त्वरित कार्रवाई और कठिन इलाकों में ऑपरेशंस की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।

चेतक और चीता हेलिकॉप्टर कई दशकों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब तकनीकी रूप से पुराने हो चुके हैं। उनकी ऑपरेशनल क्षमता, सुरक्षा मानक और ऊंचाई वाले इलाकों में प्रदर्शन आधुनिक जरूरतों के हिसाब से सीमित हैं। नए हेलिकॉप्टर न केवल ज्यादा ताकतवर होंगे बल्कि कठिन मौसम, ऊंची चोटियों और संवेदनशील इलाकों में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकेंगे।

इनका इस्तेमाल सिर्फ निगरानी या जासूसी तक सीमित नहीं होगा, बल्कि यह कम संख्या में सैनिकों को तेजी से मिशन पर ले जाने, जमीनी लड़ाई में सहयोग देने, घायल जवानों को निकालने, मेडिकल इवैक्यूएशन और राहत-बचाव कार्यों में भी अहम भूमिका निभाएंगे। जरूरत पड़ने पर ये नागरिक प्रशासन की मदद में भी इस्तेमाल किए जा सकेंगे।

इस परियोजना के जरिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ को भी बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्रालय चाहتا है कि भारतीय कंपनियां विदेशी मूल कंपनियों के साथ मिलकर इन हेलिकॉप्टरों का निर्माण करें, जिससे देश के रक्षा उत्पादन क्षेत्र को मजबूती मिले।

यह कदम रक्षा मंत्रालय की व्यापक आधुनिकीकरण योजना का हिस्सा है, जिसके तहत आने वाले समय में लो-लेवल रडार, हल्के लड़ाकू विमान (LCA), मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर और मिड-एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट भी खरीदे जाएंगे। हाल ही में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर खरीदने को मंजूरी दी है, जिनकी कीमत 45,000 करोड़ रुपये से अधिक है। ये हेलिकॉप्टर सेना और वायुसेना में बांटे जाएंगे और चीन-पाकिस्तान सीमा पर तैनात किए जाएंगे।

रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि नए हेलिकॉप्टरों के आने से भारत की सीमाओं पर निगरानी, त्वरित कार्रवाई और राहत-बचाव अभियानों की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यह न केवल सैन्य ताकत को नई ऊँचाई देगा, बल्कि देश के रक्षा उद्योग को भी मजबूत बनाएगा।