
4 साल में 52 स्पेशल डिफेंस सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे:AI से लैस, आपस में कनेक्ट रहेंगे; चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर निगरानी की तैयारी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब अंतरिक्ष में अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत करने जा रहा है। सरकार ने तय किया है कि 2029 (अगले 4 साल में) तक 52 स्पेशल डिफेंस सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे, ये सभी सैटेलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख बनेंगे और पाकिस्तान-चीन बॉर्डर पर लगातार नजर रखेंगे। सैटेलाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड होंगे। 36 हजार किमी. ऊंचाई पर ये आपस में कम्युनिकेट कर सकेंगे। इससे पृथ्वी तक सिग्नल भेजने, मैसेज-तस्वीरें भेजने में आसानी होगी। यह पूरा अभियान रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के तहत चलाया जा रहा है और इसके लिए सरकार ने स्पेस-बेस्ड सर्विलांस फेज-3’ (SBS-3) योजना बनाई है। इसके लिए ₹26,968 करोड़ का बजट है। इसे अक्टूबर 2024 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने मंजूरी दी थी। ISRO और 3 निजी भारतीय कंपनियों की भागीदारी इस योजना के तहत ISRO 21 सैटेलाइट बनाएगा और लॉन्च करेगा, जबकि 31 सैटेलाइट्स तीन निजी भारतीय कंपनियां तैयार करेंगी। पहला सैटेलाइट अप्रैल 2026 तक लॉन्च किया जाएगा, लेकिन समय सीमा को और घटाने का प्रयास जारी हैं। ये सैटेलाइट्स लो-अर्थ ऑर्बिट और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में तैनात किए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “SBS-3 का मकसद पाकिस्तान, चीन और हिंद महासागर क्षेत्र को ज्यादा विस्तार में कवर करना है, ताकि कम समय में हाई रिजोल्यूशन निगरानी संभव हो।” HAPS विमानों से भी बढ़ेगी ताकत ISRO के सैटेलाइट्स के अलावा वायुसेना तीन हाई-एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म सिस्टम (HAPS) विमान भी खरीदने की तैयारी में है। ये ड्रोन जैसे मानव रहित विमान होंगे जो लंबी अवधि तक ऊंचाई पर उड़कर निगरानी में मदद करेंगे। ये सैटेलाइट्स की निगरानी क्षमताओं को मजबूत करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद योजना को लागू करने में तेजी 7 से 10 मई 2025 के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ भारी सैन्य कार्रवाई की थी। इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देशी सैटेलाइट्स और कुछ विदेशी कॉमर्शियल डेटा का इस्तेमाल किया गया, लेकिन रियल टाइम ट्रैकिंग में कई खामियां उजागर हुईं। ET को एक अधिकारी ने बताया, “हमें अपने फैसलों की गति तेज करनी होगी। जितना जल्दी हम 52 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित करेंगे, हमारी सुरक्षा उतनी ही मजबूत होगी।” चीन की अंतरिक्ष तैयारियों से खतरा भारत का यह कदम चीन के तेज होते अंतरिक्ष सैन्यीकरण के जवाब में भी है। 2010 में जहां चीन के पास सिर्फ 36 सैन्य सैटेलाइट थे, वहीं आज उसके पास 1000 से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं, जिनमें से 360 से ज्यादा निगरानी (ISR) कार्यों के लिए हैं। चीन के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, को-ऑर्बिटल सैटेलाइट, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लेजर जैसे हथियार भी हैं। वाजपेयी सरकार ने 2001 में शुरू किया था SBS मिशन भारत के स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS) मिशन की शुरुआत 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। SBS 1 प्रोग्राम के तहत 2001 में चार सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे। जिसमें रिसैट प्रमुख था। इसके बाद SBS 2 मिशन में 2013 में 6 सैटेलाइट लॉन्च किए गए। भारतीय सेना के लिए 3 अलग-अलग सैटेलाइट 1. इसरो ने सबसे पहले 2013 में इंडियन नेवी के लिए GSAT-7 सैटेलाइट लॉन्च किया था। इसे रुक्मिणी भी कहते हैं। 2. पांच साल बाद 2018 में एयर फोर्स के लिए GSAT-7A या एंग्री बर्ड सैटेलाइट लॉन्च किया। 3. आर्मी के लिए 2023 में GSAT-7 सैटेलाइट को मंजूरी दी गई। इसे 2026 तक अंतरिक्ष में स्थापित किया जा सकता है। ———————————– भारत के डिफेंस सैटेलाइट्स से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पाकिस्तानी हरकतों पर ISRO के सैटेलाइट की नजर:पाक के आतंकी अड्डों और सैन्य ठिकानों की सटीक लोकेशन दे रहा; भारतीय सेना की आंख बने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला करने में इसरो की अहम भूमिका रही। इसरो के सैटेलाइट नेटवर्क के इनपुट के जरिए मिली मदद से भारतीय सेनाओं ने सैन्य राडार सिस्टम नष्ट करने और पाकिस्तान के ड्रोन व मिसाइल हमलों को निष्क्रिय करने में सफलता हासिल की। पूरी खबर पढ़ें….
- By Pradesh Express
- Edited By: Pradesh Express Editor
- Updated: Mon, 30 Jun 2025 02:09 PM (IST)