
ठाणे में हिंदी भाषी दुकानदार से मारपीट-MNS कार्यकर्ताओं पर केस:महाराष्ट्र CM फडणवीस बोले- मराठी का सम्मान होना चाहिए, पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे
महाराष्ट्र के ठाणे में मराठी में बात न करने पर एक दुकानदार से मारपीट के केस में शुक्रवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के 7 कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की गई है। घटना 30 जून की है। MNS कार्यकर्ताओं ने एक गुजराती दुकानदार से मराठी में बात करने को कहा था। ऐसा न करने पर उसे थप्पड़ मारे थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि MNS कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और कार्रवाई की जाएगी। मराठी का सम्मान होना चाहिए, पर मराठी के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे। आरोपियों को गुरुवार शाम हिरासत लिया गया था, लेकिन कुछ देर बाद जमानत दे दी गई थी। आरोपियों पर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इन धाराओं में सीधे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। जिस वजह से पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया था। मंत्री राणे ने MNS कार्यकर्ताओं को चुनौती दी थी अब जानें वीडियो में क्या था
वीडियो में MNS के कई कार्यकर्ता दुकानदार को घेरकर उससे बहस करते दिख रहे हैं। एक सदस्य दुकानदार से कहता है, ‘तुमने मुझसे पूछा कि मराठी क्यों बोलनी चाहिए? जब तुम्हें परेशानी थी, तब तुम MNS ऑफिस आए थे।’ दुकानदार ने जवाब में कहा कि उसे नहीं पता था कि मराठी बोलना अब जरूरी हो गया है। इस पर एक कार्यकर्ता गाली देते हुए दुकानदार को धमकाता है कि उसे इस इलाके में कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। जब दुकानदार कहता है कि उसे मराठी सीखनी पड़ेगी, तो एक MNS सदस्य कहता है, ‘हां, ऐसा कहो। लेकिन ये क्यों पूछ रहे हो कि मराठी क्यों सीखनी चाहिए? ये महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में कौन-सी भाषा बोली जाती है?’ जब दुकानदार कहता है- ‘सभी भाषाएं’, तो एक व्यक्ति उसे थप्पड़ मारता है, फिर दूसरा व्यक्ति भी उसे दो बार थप्पड़ मारता है। दुकानदार कुछ समझाने की कोशिश करता है, लेकिन उसे चार बार और थप्पड़ मारे जाते हैं। राज ठाकरे ने मराठी और इंग्लिश अनिवार्य करने की अपील की थी
पिछले महीने MNS नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हुए कहा था कि, ‘वो लिखित आदेश जारी करे कि पहली कक्षा से बच्चों को सिर्फ मराठी और इंग्लिश पढ़ाई जाएगी, हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले तीन भाषाएं पढ़ाने का फैसला लिया था और अब हिंदी की किताबें छप भी गई हैं। अगर सरकार अब फिर से हिंदी को जरूरी करती है, तो MNS आंदोलन करेगी। महाराष्ट्र में 16 अप्रैल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने का फैसला लिया गया था, इसके तहत राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया था। हालांकि राज्य में कई संगठन और राजनीतिक दलों ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया। इसके चलते राज्य सरकार ने 22 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने का अपना निर्णय वापस ले लिया था। पत्रकारों से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि स्टूडेंट्स तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी। पूरी खबर पढ़ें… ——————————————– ये खबरें भी पढ़ें… महाराष्ट्र में स्कूलों में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी का आदेश वापस, कक्षा 1-5वीं तक हिंदी को तीसरी लैंग्वेज बनाया था महाराष्ट्र सरकार ने 29 जून को तीन भाषा नीति से जुड़े अपने 16 और 17 अप्रैल को जारी दो आदेश (GR) रद्द कर दिए। सरकार के इस आदेश के खिलाफ विपक्ष लगातार विरोध कर रहा था। इसके तहत सरकार ने इसी साल अप्रैल में कक्षा 1 से 5वीं तक तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। पूरी खबर पढ़ें…
- By Pradesh Express
- Edited By: Pradesh Express Editor
- Updated: Fri, 04 Jul 2025 01:26 PM (IST)