
दाल की हांडी और स्कूल बैग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची छात्राएं, फूट-फूटकर रोईं, बोलीं- हॉस्टल में न हरी सब्जी मिलती, न सफाई होती
रतलाम। जनजाति विकास विभाग के सीनियर कन्या छात्रावास, रतलाम की करीब 70 छात्राएं मंगलवार को जनसुनवाई में दाल की हांडी और अपने स्कूल बैग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गईं। छात्राएं रोते हुए अधिकारियों से बोलीं कि हॉस्टल में हरी सब्जी नहीं दी जाती, सफाई के लिए झाड़ू तक नहीं है, बिस्तर नहीं दिए गए और पूरे हॉस्टल में गंदगी का माहौल है।
छात्राएं कक्षा 10वीं से 12वीं तक की थीं और लिखित आवेदन लेकर नहीं आई थीं। एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने उन्हें अपने पास बैठाया और हर शिकायत को ध्यान से सुना। तुरंत जांच कमेटी बनाई गई और अधिकारियों को हॉस्टल भेजा गया।
बोलीं छात्राएं – 70 लड़कियों के लिए 1 लीटर दूध, दाल में सिर्फ पानी
छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में 70 लड़कियों के लिए सिर्फ 1 लीटर दूध में चाय बनाई जाती है। दाल में दाल नजर ही नहीं आती, सिर्फ पानी होता है। जली हुई रोटियां दी जाती हैं। बिस्तर के नाम पर 6 हजार रुपए लिए गए, लेकिन कोई बिस्तर नहीं मिला। छात्राओं ने कहा कि हम बार-बार स्कूल छोड़कर शिकायत करने नहीं आ सकते। उन्होंने वार्डन सुगना मईड़ा को हटाने की मांग की और कहा कि बोर्ड परीक्षा से पहले व्यवस्था सुधारी जाए।
वार्डन के सामने बात करने से किया इंकार
जनजाति विकास विभाग के क्षेत्रीय संयोजक भास्कर खींची ने छात्राओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्राओं ने साफ कह दिया कि वे वार्डन के सामने कुछ नहीं कहेंगी। उनका कहना था कि जब तक वार्डन नहीं हटाई जाएगी, वे अपनी समस्या उठाना बंद नहीं करेंगी।
शाम को एडीएम पहुंचीं हॉस्टल, छात्राओं से की व्यक्तिगत चर्चा
शाम 5 बजे एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव खुद हॉस्टल पहुंचीं और सभी छात्राओं से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने हर समस्या का समाधान करने का भरोसा दिया। एडीएम ने कहा कि छात्राओं और वार्डन के बीच संवाद की कमी है, जिसे दूर किया जाएगा। साथ ही, अब हर बुधवार को छात्राओं की पढ़ाई का टेस्ट भी लिया जाएगा ताकि उनकी पढ़ाई पर निगरानी रखी जा सके।
अब किसी को कोई परेशानी नहीं होगी: एडीएम
एडीएम श्रीवास्तव ने कहा, “छात्राओं की शिकायतें स्थानीय और सामान्य हैं, जिन्हें जल्द ही दूर किया जा रहा है। अब छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।” प्रशासन ने छात्राओं को विश्वास में लेकर समस्या सुलझाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि उन्हें बेहतर वातावरण मिल सके।
- By Pradesh Express
- Edited By: Pradesh Express Editor
- Updated: Tue, 22 Jul 2025 04:13 PM (IST)