23 November 2025
सिंधिया का बड़ा खुलासा: कमलनाथ की टिप्पणियों से आहत होकर छोड़ी थी कांग्रेस, बोले – “सम्मान और स्वाभिमान सबसे ऊपर”

सिंधिया का बड़ा खुलासा: कमलनाथ की टिप्पणियों से आहत होकर छोड़ी थी कांग्रेस, बोले – “सम्मान और स्वाभिमान सबसे ऊपर”

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस सरकार गिरने का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के हालिया बयानों के बाद अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पूरे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। दिल्ली में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का उनका निर्णय अचानक नहीं था, बल्कि यह लगातार अपमानजनक टिप्पणियों और आत्मसम्मान के प्रश्न से जुड़ा हुआ था।

सिंधिया ने स्पष्ट किया कि उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ उन्हें लेकर बार-बार सार्वजनिक मंचों पर बयानबाजी कर रहे थे। जब यह मामला पार्टी के भीतर उठाया गया, तो उनसे इन टिप्पणियों पर माफी मांगने की बात भी हुई, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। सिंधिया ने कहा कि यदि यह बातें केवल बंद कमरे में कही जातीं तो वे शायद नजरअंदाज कर देते, लेकिन जब उनके परिवार तक पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणियां होने लगीं, तो उन्हें कठोर निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा, “हर बात की एक सीमा होती है और जब बात सम्मान और स्वाभिमान की हो तो चुप नहीं रहा जा सकता।”

केंद्रीय मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ कई बार बंद दरवाजों के पीछे भी बातें कही गईं, लेकिन उन्होंने उस पर कभी ध्यान नहीं दिया। बावजूद इसके जब खुले मंच पर उनके खिलाफ टिप्पणियां होने लगीं तो स्थिति असहनीय हो गई। सिंधिया ने अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों ही उनके परिवार से घनिष्ठ संबंध रखते रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिग्विजय सिंह अक्सर उनके पिता माधवराव सिंधिया से मिलने घर आते थे और उस समय पिता व्यस्त रहते थे, तो बातचीत की जिम्मेदारी उनकी होती थी। वहीं कमलनाथ उनके पिता के समकक्ष हैं और वह बचपन से उन्हें “कमल अंकल” कहकर पुकारते आए हैं।

दिग्विजय सिंह का बयान और नया विवाद

इस पूरे मामले ने तब तूल पकड़ा जब दिग्विजय सिंह ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में दावा किया कि 2020 में मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार उनकी वजह से नहीं बल्कि कमलनाथ की वजह से गिरी थी। दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़ सकते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने एक बड़े उद्योगपति से संपर्क साधा था, जिनके सिंधिया और कमलनाथ दोनों से अच्छे संबंध थे। उस उद्योगपति के घर डिनर पर मुलाकात भी हुई, लेकिन वहां तय हुए मुद्दों पर बाद में अमल नहीं हो पाया।

दिग्विजय सिंह के इस बयान पर कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि सिंधिया को लगता था कि सरकार को दिग्विजय सिंह चला रहे हैं और यही कारण था कि उन्होंने बगावत का कदम उठाया। कमलनाथ के मुताबिक, यह गलतफहमी ही कांग्रेस सरकार गिरने का सबसे बड़ा कारण बनी।

कांग्रेस छोड़ने के बाद बदली राजनीति की दिशा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था। उनके साथ आए विधायकों के इस्तीफे के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई और मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता वापसी हुई। इसके बाद से ही कांग्रेस लगातार यह आरोप लगाती रही है कि सिंधिया ने निजी महत्वाकांक्षाओं के चलते पार्टी से किनारा किया। हालांकि, सिंधिया ने हमेशा कहा कि यह निर्णय सम्मान और आत्मसम्मान के लिए लिया गया था, न कि किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण।

सियासत में फिर गरमी

अब जब दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया और उस पर कमलनाथ और सिंधिया दोनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी, तो एक बार फिर राज्य की राजनीति में पुराने जख्म ताजा हो गए हैं। तीनों ही नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं और यह मामला राष्ट्रीय राजनीति तक सुर्खियां बटोर रहा है।