08 October 2025
भिंड में कछुए को कुल्हाड़ी से काटकर मांस खाने का मामला : तीन आरोपियों पर केस दर्ज, वन विभाग की दबिश के बाद भी फरार

भिंड में कछुए को कुल्हाड़ी से काटकर मांस खाने का मामला : तीन आरोपियों पर केस दर्ज, वन विभाग की दबिश के बाद भी फरार

भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले से एक अमानवीय और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां तीन युवकों ने तालाब से कछुआ पकड़कर उसे कुल्हाड़ी से काट डाला और बाद में उसका मांस पका कर दावत दी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीनों आरोपियों की पहचान की और उनके खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। हालांकि, तीनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश में वन विभाग की टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

जानकारी के अनुसार, यह घटना 28 अगस्त को भिंड के सिकरी जागीर गांव की है। ग्रामीणों ने तालाब से कछुआ पकड़ा और उसे गांव में लाकर निर्दयता से काटा। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक युवक लाठी से कछुए को दबाकर पलट रहा है और दूसरा युवक उस पर कुल्हाड़ी से लगातार वार कर रहा है। इस दौरान कछुआ तड़पता रहा और आसपास खड़े लोग वीडियो बनाते रहे। वीडियो में तीसरा युवक भी मौजूद था, जो घटना में शामिल बताया जा रहा है।

वन विभाग ने आरोपियों की पहचान लला उर्फ पुतुआ पिता रतिराम बाल्मीकि, अंगद पिता भेवालाल बाल्मीकि और उदय पिता मेवालाल बाल्मीकि के रूप में की है। रेंजर बसंत शर्मा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने जब आरोपियों के घरों पर दबिश दी, तो वे पहले ही फरार हो चुके थे। फिलहाल उनकी तलाश में गांव और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

रेंजर बसंत शर्मा ने बताया कि आरोपियों की पहचान वीडियो के आधार पर कर ली गई है और उनके खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि यह अपराध बेहद गंभीर और गैर-जमानती है। कानून के अनुसार, किसी भी वन्य जीव को मारने, पकड़ने या उसके मांस का व्यापार करने पर आरोपी को तीन से सात साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

इस घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने खुद आरोपियों की पहचान की और घटना की जानकारी विभाग को दी। वहीं, वन विभाग का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न केवल कानून के उल्लंघन का मामला है बल्कि समाज में वन्य जीवों के प्रति जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है। कछुए जैसी संरक्षित प्रजाति को इस तरह मारकर उसका मांस खाना कानूनन अपराध है। अधिकारियों का कहना है कि लोगों को वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जागरूक करना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।