09 October 2025
इंदौर में छाछ के 5.28 रुपए ज्यादा वसूलने पर उपभोक्ता फोरम का ऐतिहासिक फैसला: रिलायंस फ्रेश और सांची को लौटाने होंगे 5000 रुपए, 7 साल बाद ग्राहक को मिला न्याय

इंदौर में छाछ के 5.28 रुपए ज्यादा वसूलने पर उपभोक्ता फोरम का ऐतिहासिक फैसला: रिलायंस फ्रेश और सांची को लौटाने होंगे 5000 रुपए, 7 साल बाद ग्राहक को मिला न्याय

इंदौर। इंदौर के एक ग्राहक से छाछ के 5.28 रुपए ज्यादा लेने पर रिलायंस फ्रेश और सांची दुग्ध संघ को अब 5000 रुपए लौटाने होंगे। उपभोक्ता फोरम ने सात साल तक चली सुनवाई के बाद यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिससे आम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और न्याय की उम्मीद फिर से जागी है।

कैसे शुरू हुआ मामला?

मामला 31 मार्च 2018 का है। इंदौर के एडवोकेट नरेंद्र तिवारी ने ट्रेड सेंटर स्थित रिलायंस फ्रेश स्टोर से सांची दुग्ध संघ की 10-10 रुपए वाली छाछ के तीन पाउच खरीदे थे। पाउच की कीमत 30 रुपए थी, लेकिन उनसे 35 रुपए 28 पैसे लिए गए। जब तिवारी ने आपत्ति दर्ज कराई तो काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों ने पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह नियम के तहत लिया गया अतिरिक्त चार्ज है।

उपभोक्ता फोरम तक पहुंची लड़ाई

तिवारी ने इस मामले को लेकर सबसे पहले सांची के लैंडलाइन और टोल फ्री नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर उन्होंने रिलायंस फ्रेश और सांची को नोटिस जारी किया। जब वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तो तिवारी ने 3 अप्रैल 2018 को नाप-तौल विभाग में शिकायत दर्ज कराई। वहां भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। अंततः 4 अप्रैल 2018 को उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।

7 साल में 40 सुनवाई, आखिरकार मिला इंसाफ

इस केस में सात साल में कुल 40 बार सुनवाई हुई। कोरोना काल और अन्य कारणों से सुनवाई में बार-बार देरी होती रही। कई बार फोरम में ज्यूडिशियल पद खाली रहने और विरोधी पक्ष के वकील के पेश न होने के कारण तारीख आगे बढ़ती रही। बावजूद इसके तिवारी ने हार नहीं मानी और अंत तक लड़ाई जारी रखी।

रिलायंस फ्रेश और सांची ने दिए ये तर्क

रिलायंस फ्रेश ने फोरम में तर्क दिया कि बिल पर ग्राहक का नाम दर्ज नहीं है, इसलिए तिवारी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते। उन्होंने यह भी कहा कि जो अतिरिक्त राशि ली गई है, वह अलग चार्ज है और नियम के तहत ली गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि नाप-तौल विभाग की कोई जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। दूसरी ओर, इंदौर दुग्ध संघ की ओर से कोई भी सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ।

उपभोक्ता फोरम का फैसला: 5000 रुपए लौटाने के आदेश

फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और सबूतों को देखने के बाद कहा कि ग्राहक से 5.28 रुपए की अतिरिक्त वसूली गलत है। इसके लिए रिलायंस फ्रेश और सांची दुग्ध संघ दोनों को तिवारी को 2.64-2.64 रुपए लौटाने होंगे। साथ ही मानसिक प्रताड़ना के लिए 3000 रुपए और केस खर्च के लिए 2000 रुपए अलग से देने होंगे। इस प्रकार कुल 5000 रुपए लौटाने का आदेश दिया गया है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?

एडवोकेट नरेंद्र तिवारी ने कहा कि यह मामला सिर्फ 5.28 रुपए का नहीं था, बल्कि ग्राहकों से गैरकानूनी तरीके से वसूली के खिलाफ एक लड़ाई थी। आमतौर पर लोग छोटी रकम को लेकर शिकायत नहीं करते और एजेंसियां इसका फायदा उठाकर ग्राहकों से ठगी कर लेती हैं। इस फैसले से उपभोक्ताओं में जागरूकता आएगी कि अपने छोटे-छोटे अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़नी चाहिए।

उपभोक्ताओं को क्या सीख मिलती है?

  • हमेशा अपने बिल और भुगतान की गई राशि को जांचें।
  • गलत चार्ज लगे तो तुरंत आपत्ति दर्ज कराएं।
  • प्रतिक्रिया न मिलने पर उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराएं।
  • छोटी लड़ाई से बड़ा संदेश समाज में दिया जा सकता है।

निष्कर्ष:

इंदौर उपभोक्ता फोरम का यह फैसला देशभर के उपभोक्ताओं के लिए एक मिसाल है कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया जा सकता है। यह निर्णय रिलायंस फ्रेश और सांची जैसी बड़ी एजेंसियों के लिए भी चेतावनी है कि वे उपभोक्ताओं से अवैध रूप से पैसे वसूलने से बचें।