09 October 2025
इंदौर में नशे की हालत में युवती के साथ पकड़ा गया युवक, मोबाइल में मिली गैंगस्टर की चिट्ठियाँ, अश्लील चैट्स और जेल प्रहरी से संबंध

इंदौर में नशे की हालत में युवती के साथ पकड़ा गया युवक, मोबाइल में मिली गैंगस्टर की चिट्ठियाँ, अश्लील चैट्स और जेल प्रहरी से संबंध

इंदौर के आजाद नगर इलाके में मंगलवार रात एक बड़ा मामला सामने आया, जब हिंदूवादी संगठनों ने एक युवक को संदिग्ध अवस्था में एक युवती के साथ पकड़ा। युवक मूसाखेड़ी क्षेत्र के एक कमरे में युवती को लेकर आया था और वहां उसे एमडी जैसे खतरनाक नशे का सेवन करा रहा था। सूचना पर पहुंचे हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने युवक को पकड़ा, जिसने शुरुआत में खुद को अभिषेक ठाकुर बताया, लेकिन पिटाई और पूछताछ के बाद उसकी असली पहचान जीशान पुत्र सादिक पठान, निवासी जूना रिसाला, सदर बाजार, जबलपुर के रूप में हुई। पूछताछ और मोबाइल की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

युवक के मोबाइल में जहां कई युवतियों के साथ की गई अश्लील चैटिंग, फोटो और वीडियो मिले, वहीं जेल के अंदर बंद गैंगस्टर सलमान लाला के फोटो और वीडियो भी सामने आए। मोबाइल से यह भी पता चला कि आरोपी का जेल के एक प्रहरी से संपर्क था, जिसके माध्यम से जेल के कैदियों को गुप्त रूप से रुपये भेजे जा रहे थे। इसके लिए प्रहरी की पत्नी के गूगल पे अकाउंट का उपयोग किया जा रहा था। मोबाइल में उन ट्रांजैक्शनों के स्क्रीनशॉट भी मौजूद थे। पूछताछ में आरोपी ने यह भी स्वीकार किया कि वह और युवती पिछले पांच वर्षों से दोस्त हैं और दोनों नशे के आदी हैं। उसने यह भी कबूल किया कि नशे की हालत में वह युवती के साथ कई बार दुराचार कर चुका है।

मौके पर मौजूद मकान मालिक ने जब युवती का मोबाइल चेक किया तो उसमें भी गैंगस्टर के फोटो-वीडियो और संदिग्ध सामग्री मिली। इस पूरी घटना का खुलासा हिंदूवादी कार्यकर्ता मानसिंह परमार उर्फ लक्की बाहुबली की सक्रियता से हुआ, जिन्हें जानकारी मिली थी कि युवक एक लड़की को लेकर रूम में एमडी नशा करा रहा है। उन्होंने मौके पर पहुंचकर युवक को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया।

आजाद नगर थाना पुलिस ने आरोपी जीशान को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस को मिले डिजिटल साक्ष्य गंभीर हैं और आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट, आईटी एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए जाने की संभावना है। थाना प्रभारी के अनुसार आरोपी के मोबाइल में मौजूद डाटा, चिट्ठियाँ और ट्रांजैक्शन स्क्रीनशॉट की तकनीकी जांच की जा रही है। साथ ही जेल प्रहरी के खिलाफ भी विभागीय जांच की मांग की जा रही है।

यह मामला न सिर्फ शहर में नशे के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करता है, बल्कि जेल प्रशासन की भूमिका और संगठित अपराध नेटवर्क के गहरे संबंधों को भी उजागर करता है। यदि इस नेटवर्क को समय रहते नहीं रोका गया, तो यह कई और युवाओं की जिंदगी को बर्बाद कर सकता है।