10 October 2025
इंदौर: आंख में नासूर था, अस्पताल ने कर दिया मोतियाबिंद का ऑपरेशन – महिला की चली गई रोशनी, परिजन नाराज़

इंदौर: आंख में नासूर था, अस्पताल ने कर दिया मोतियाबिंद का ऑपरेशन – महिला की चली गई रोशनी, परिजन नाराज़

इंदौर, 26 जुलाई 2025 – शहर के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती रेशमा बी की आंखों की रोशनी एक कथित लापरवाही के कारण चली गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि रेशमा की आंख में नासूर (डैक्रियोसिस्टाइटिस – आंसू की नली में संक्रमण) की शिकायत थी, लेकिन डॉक्टरों ने गलती से मोतियाबिंद (कैटरैक्ट) का ऑपरेशन कर दिया, जिससे उनकी एक आंख की दृष्टि हमेशा के लिए चली गई।

रेशमा बी के बेटे रेहान खान ने बताया कि उनकी मां को 17 जुलाई को भर्ती कराया गया था। डॉ. ऋषि गुप्ता ने ऑपरेशन किया। लेकिन अगले ही दिन उन्हें तेज सिरदर्द और उल्टी की शिकायत हुई। इसके बाद उन्हें एक अन्य बड़े अस्पताल रेफर किया गया, जहां दवाएं देने के बाद फिर से उन्हें स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में भर्ती कर लिया गया। इस बार उन्हें प्राइवेट वार्ड-207 में शिफ्ट किया गया।

नेत्र विशेषज्ञों की चेतावनी

विशेषज्ञों के अनुसार, जिस नली से आंखों से आंसू निकलते हैं, उसमें संक्रमण (नासूर) के मामले में अत्यधिक सावधानी जरूरी होती है। यदि इस स्थिति में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता है, तो संक्रमण फैल सकता है और इससे स्थायी रूप से आंख की रोशनी भी जा सकती है।

रेशमा बी की आंख में अब तक रोशनी नहीं लौटी है। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि चिकित्सकों को उनका कॉर्निया ट्रांसप्लांट तक करना पड़ा। लेकिन अब तक भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाया है।

लापरवाही पर जांच समिति बनी, डॉक्टर पर भी आरोप

इस गंभीर लापरवाही की जांच के लिए एक समिति बनाई गई, जिसकी अध्यक्षता नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा श्रीवास्तव कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे मामले की निष्पक्ष जांच कर रही थीं, तब उन्हें अस्पताल की अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा द्वारा धमकाया गया और सहयोग नहीं किया गया। इसकी शिकायत उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) से भी की है।

डॉ. शर्मा, जो कि अस्पताल की अधीक्षक हैं, इस मामले में किसी भी चिकित्सकीय गलती को मानने से इनकार कर रही हैं। उनका कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीज को एक दिन के लिए घर भेजा गया था और उसी दौरान संक्रमण हो गया होगा।

निष्कर्ष:

रेशमा बी की रोशनी चले जाने का मामला अब स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुका है। जहां एक ओर परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक लापरवाही और डॉक्टरों के टालमटोल रवैये ने इस गंभीर मामले को और भी चिंताजनक बना दिया है।

स्वास्थ्य विभाग को जल्द जांच पूरी कर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।