
हेलमेट आदेश को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन: जिला प्रशासन पर लगाया ‘तुगलकी फरमान’ थोपने का आरोप
इंदौर, 5 अगस्त 2025 – शहर में जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए नए आदेश के खिलाफ आज कांग्रेस पार्टी ने कमिश्नर कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। आदेश के मुताबिक, अब इंदौर के किसी भी पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। प्रशासन ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन में लिया है, लेकिन कांग्रेस ने इसे अव्यवहारिक और जनविरोधी बताते हुए विरोध किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कमिश्नर कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और इस आदेश को आम जनता पर थोपा गया ‘तुगलकी फरमान’ बताया। नेताओं ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को हेलमेट पहनने या सड़क सुरक्षा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस आदेश को लागू करने का तरीका गलत है।
सज्जन सिंह वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हेलमेट की अनिवार्यता से किसी को आपत्ति नहीं है, परंतु इस आदेश को लागू करने से पहले जनजागरूकता फैलाना जरूरी था। अचानक ऐसा आदेश जारी कर देना, जिसमें नागरिकों को पेट्रोल न देने की बात हो, यह प्रशासन का गैर-जिम्मेदाराना कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यदि वाकई सुरक्षा को लेकर गंभीर है, तो इंदौर के 13 लाख दोपहिया वाहन चालकों को मुफ्त हेलमेट बांटे।
चिंटू चौकसे ने भी जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह फैसला जनता के हित में नहीं है। जिस तरह सरकार लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक लाभ पहुंचा रही है, उसी प्रकार आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। मुफ्त हेलमेट वितरण से लोग स्वयं ही जागरूक होंगे और बिना दबाव के हेलमेट पहनने की आदत विकसित होगी।
कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन दोनों को घेरते हुए यह भी कहा कि इस तरह के तुगलकी आदेश आम लोगों की जिंदगी में मुश्किलें बढ़ाते हैं। बिना पर्याप्त तैयारी और सुविधा के ऐसे नियम लागू करने से असंतोष पैदा होता है। प्रदर्शन के दौरान यह चेतावनी भी दी गई कि अगर प्रशासन इस आदेश को वापस नहीं लेता, तो कांग्रेस आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी।
वहीं प्रशासन का पक्ष है कि यह आदेश सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है। प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सड़क पर दोपहिया वाहन चालक पूरी सुरक्षा के साथ चलें और हेलमेट उनके जीवन की रक्षा के लिए अनिवार्य रूप से इस्तेमाल हो।
अब देखना यह है कि इस राजनीतिक विरोध के बाद प्रशासन अपने आदेश में कोई बदलाव करता है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि यह मुद्दा आने वाले समय में सड़क सुरक्षा के साथ-साथ जननीति और प्रशासनिक निर्णयों की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है।
- By Pradesh Express
- Edited By: Pradesh Express Editor
- Updated: Tue, 05 Aug 2025 09:23 AM (IST)