09 October 2025
इंदौर में नवजात की सौदेबाजी का खुलासा, बच्चा बेचने वाली गैंग पकड़ी गई; 10 लाख में डील, मां को देने थे सिर्फ 4 लाख

इंदौर में नवजात की सौदेबाजी का खुलासा, बच्चा बेचने वाली गैंग पकड़ी गई; 10 लाख में डील, मां को देने थे सिर्फ 4 लाख

इंदौर के रावजी बाजार थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए बच्चा बेचने वाली गैंग को गिरफ्तार किया है। गैंग में शामिल छह महिलाएं और उनके पांच पुरुष साथी मिलकर नवजात बच्चों की सौदेबाजी करते थे। इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब एक ऑटो पार्ट्स कर्मचारी ने आरोपियों के झांसे में आते हुए पुलिस को सूचना दी और पूरी साजिश को सामने लाया।

शिकायतकर्ता रितेश व्यास, जो आजाद नगर का रहने वाला है और एक ऑटो पार्ट्स दुकान में काम करता है, लगभग छह महीने पहले मूसाखेड़ी चौराहे पर प्रमिला साहू और वंदना मकवाना नामक दो महिलाओं से मिला था। इन महिलाओं ने खुद को बुजुर्गों के लिए केयर सेंटर चलाने वाली बताया। इसके बाद उनकी कई मुलाकातें हुईं, जिसमें प्रमिला और वंदना ने यह बात कही कि वे निःसंतान दंपतियों को बच्चे दिलाने का काम करती हैं।

रितेश को इनकी गतिविधियों पर संदेह हुआ और जब उसे यह जानकारी मिली कि ये महिलाएं पूर्व में हीरानगर थाना क्षेत्र में भी बच्चा बेचने के मामले में जेल जा चुकी हैं, तो उसने अपने एक मित्र के साथ मिलकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस की योजना के अनुसार, रितेश ने बच्चा गोद लेने की आड़ में 4 अगस्त को आरोपियों को अग्रसेन चौराहे पर बुलाया। वहां पर प्रमिला और वंदना ने रितेश से राजू, प्रिया और एक महिला सोनू बेन का परिचय करवाया, जिसकी गोद में करीब डेढ़ माह का बच्चा था। बातचीत के दौरान दोनों महिलाओं ने बताया कि सोनू आर्थिक रूप से कमजोर है और बच्चा नहीं पाल सकती, इसलिए वह उसे देने को तैयार है। जैसे ही सौदे की बात आगे बढ़ी, रितेश ने तुरंत पुलिस को इशारा किया और पुलिस मौके पर पहुंचकर सभी को गिरफ्तार कर थाने ले आई।

जांच में सामने आया कि रितेश से बच्चे के लिए 10 लाख रुपए की डील की गई थी, लेकिन सोनू को सिर्फ 4 लाख रुपए देने की बात की गई थी। सोनू मूल रूप से गुजरात की रहने वाली है और तलाकशुदा है। 2022 में पति से अलग होने के बाद वह उज्जैन में रहने लगी थी, जहां एक युवक के संपर्क में आकर गर्भवती हुई और फिर उसने भी उसे छोड़ दिया। सोनू को पहले से एक बेटी है। गर्भावस्था के दौरान प्रमिला और वंदना से उसकी मुलाकात हुई, जिन्होंने आर्थिक मदद का वादा करते हुए डिलीवरी का खर्च भी उठाया। बाद में बच्चा पालने में असमर्थता जताने पर उसे बेचने के लिए राजी कर लिया गया।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि यह गैंग सिर्फ बच्चा बेचने तक सीमित नहीं थी, बल्कि ‘लुटेरी दुल्हन’ रैकेट से भी जुड़ी थी। पुलिस ने बताया कि इन महिलाओं ने राजस्थान के झालावाड़ और मध्य प्रदेश के रतलाम में दो युवकों को शादी का झांसा देकर ठगी का शिकार बनाया था। पुलिस के अनुसार प्रमिला और वंदना ने पूछताछ में पूजा वर्मा का नाम बताया, जो घरेलू काम करती है। उससे पूछताछ में नीलम वर्मा का नाम सामने आया, जो विजय नगर स्थित एक आईवीएफ सेंटर में कार्यरत है और उसने संतोष शर्मा से संपर्क कर बच्चे की जानकारी मांगी थी।

जांच में नीतू शुक्ला का नाम भी सामने आया, जो एक मैरिज ब्यूरो चलाती है। नीलम ने ही प्रिया माहेश्वरी उर्फ राठी से संपर्क किया था, जिस पर पहले से एक लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज है। प्रिया की गैंग में तीन-चार महिलाएं शामिल थीं, जो शादी के नाम पर पुरुषों को ठगती थीं। प्रिया ने ही गुजरात की तलाकशुदा सोनू वेद से संपर्क कर बच्चा बेचने का सौदा तय किया था।

इंदौर पुलिस ने इस पूरे गिरोह के खिलाफ मानव तस्करी की धाराओं में मामला दर्ज किया है। अब तक कुल 11 आरोपी इस मामले में सामने आए हैं, जिनमें छह महिलाएं और पांच पुरुष शामिल हैं। पुलिस ने इनमें से नौ को गिरफ्तार कर लिया है, एक हिरासत में है और एक फरार आरोपी की तलाश जारी है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और आगे की जांच में इस नेटवर्क से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारी संभव है।