
न्याय के इंतजार में उपभोक्ता, फोरम कोर्ट में 2 हजार मामले लंबित
उज्जैन। उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करने वाला उज्जैन जिला उपभोक्ता फोरम पिछले दो साल से निष्क्रिय पड़ा है। कोर्ट में लगभग 2000 से अधिक मामले लंबित हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हालात यह हैं कि न्याय की आस में उपभोक्ताओं को अब इंदौर और अन्य जिलों की फोरम कोर्ट का रुख करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि फोरम में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पिछले 24 महीनों से रुकी हुई है, जिससे न सिर्फ सुनवाई प्रभावित हो रही है बल्कि कार्य प्रक्रिया भी पूरी तरह बाधित हो गई है। सरकारी और निजी संस्थाओं की मनमानी पर लगाम कसने वाली यह संस्था अब खुद प्रशासनिक उपेक्षा की शिकार है।
पीड़ित उपभोक्ताओं का कहना है कि अन्य जिलों और राज्यों में फोरम नियमित रूप से काम कर रहे हैं और वहां हर हफ्ते फैसले सुनाए जा रहे हैं, लेकिन उज्जैन में स्थिति बिल्कुल विपरीत है। ना तो पुराने मामलों की सुनवाई हो रही है और ना ही नए मामलों का कोई हल निकल पा रहा है।
नए मामलों में केवल नोटिस जारी कर दिए जाते हैं जबकि पुराने मामलों में पेशी की तारीख आगे बढ़ाकर उपभोक्ताओं को लौटा दिया जाता है। परेशान उपभोक्ताओं का कहना है कि जब तक सरकार नई नियुक्तियाँ नहीं करती, तब तक न्याय मिलना मुश्किल है। ऐसे में उपभोक्ताओं का फोरम पर से विश्वास भी धीरे-धीरे डगमगाने लगा है।
- By Pradesh Express
- Edited By: Pradesh Express Editor
- Updated: Tue, 01 Jul 2025 04:35 PM (IST)