09 October 2025
भोपाल से लापता तीन साल की मासूम 24 घंटे बाद कुरावर में मिली; पुलिस जांच में जुटी

भोपाल से लापता तीन साल की मासूम 24 घंटे बाद कुरावर में मिली; पुलिस जांच में जुटी

गांधी नगर क्षेत्र से लापता हुई थी बच्ची, राजगढ़ जिले में लावारिस हालत में मिली; बार-बार गायब होने की वजह बन रही पहेली

भोपाल के गांधी नगर थाना क्षेत्र से लापता हुई तीन साल की मासूम रागिनी को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर लिया है। बच्ची 4 अगस्त की दोपहर करीब 3 बजे अपने घर के बाहर खेलते समय अचानक गायब हो गई थी। परिजनों की सूचना के बाद गांधी नगर पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी।

5 अगस्त की सुबह राजगढ़ जिले के कुरावर कस्बे में पुलिस को एक लावारिस बच्ची की सूचना मिली, जो रागिनी निकली। कुरावर पुलिस ने तुरंत गांधी नगर पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद टीम वहां पहुंची और बच्ची को वापस भोपाल लाया गया। फिलहाल रागिनी को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है, जहां उसकी शारीरिक स्थिति की गहन जांच की जा रही है।

गांधी नगर थाना प्रभारी बृजेंद्र मर्सकोले के अनुसार बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन वह अभी इस स्थिति में नहीं है कि कोई स्पष्ट जानकारी दे सके कि वह कुरावर कैसे पहुंची। पुलिस बच्ची से बात कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं उसे कोई लेकर तो नहीं गया या वह किसी वाहन के जरिए अपने आप वहां पहुंची। इस सवाल का जवाब फिलहाल रहस्य बना हुआ है।

जानकारी के अनुसार, रागिनी की मां का निधन पहले ही हो चुका है और उसके पिता लंबे समय से बीमार रहते हैं। वर्तमान में उसकी परवरिश उसके ताऊ कर रहे हैं। परिवार गांधी नगर स्थित एक सरकारी हाई स्कूल के पीछे रहता है। हैरानी की बात यह है कि यह पहला मौका नहीं है जब रागिनी लापता हुई हो। इससे पहले भी वह कुछ समय के लिए गायब हुई थी और तब उसे श्यामला हिल्स क्षेत्र से बरामद किया गया था।

अब पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि आखिर क्यों और कैसे बच्ची बार-बार लापता हो जाती है। क्या यह कोई गिरोह है जो मासूम बच्चों को निशाना बना रहा है या बच्ची किसी मानसिक उलझन की शिकार है? पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके।

इस घटना ने न सिर्फ परिवार को एक बार फिर झकझोर दिया है, बल्कि शहर में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन से अब मांग की जा रही है कि मासूम बच्चों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्कता बरती जाए और ऐसे मामलों में समय रहते उचित कदम उठाए जाएं।