09 October 2025
इंदौर में निगम वाहन की चपेट में आई महिला और बच्ची, CCTV फुटेज वायरल – शहर में बढ़ती लापरवाही पर सवाल

इंदौर में निगम वाहन की चपेट में आई महिला और बच्ची, CCTV फुटेज वायरल – शहर में बढ़ती लापरवाही पर सवाल

इंदौर। शहर में सड़क हादसे लगातार लोगों की जिंदगी छीन रहे हैं और प्रशासनिक लापरवाही इन हादसों को और भयावह बना रही है। ताजा मामला इंदौर के पलासिया थाना क्षेत्र के ग्रेटर तिरुपति कॉलोनी का है, जहां नगर निगम की कचरा कलेक्शन करने वाली गाड़ी ने एक महिला और उसकी बच्ची को टक्कर मार दी। यह घटना रविवार को हुई और पूरी वारदात कॉलोनी के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश है और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिला अपनी छोटी बच्ची के साथ घर से किसी निजी काम के लिए निकली थी। तभी अचानक निगम का वाहन तेज रफ्तार में आया और उन्हें टक्कर मार दी। हादसा इतना खतरनाक था कि निगम की गाड़ी महिला-बच्ची को रौंदने के बाद वहां खड़े अन्य वाहनों से भी टकरा गई। सड़क पर अचानक हुए इस हादसे से कॉलोनी में अफरातफरी का माहौल बन गया। लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे और तुरंत महिला व बच्ची को पास के अस्पताल पहुंचाया। वहीं, गुस्साए लोगों ने निगम वाहन चालक को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

इंदौर में इस तरह की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। महज दो दिन पहले ही शहर में एक बस चालक की लापरवाही ने दो लोगों की जान ले ली थी। पिछले कुछ महीनों में निगम के वाहनों, बसों और ट्रकों की टक्कर से कई गंभीर हादसे हो चुके हैं। शहरवासी बार-बार सवाल उठा रहे हैं कि आखिर नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की जवाबदेही कब तय होगी। लोग आरोप लगा रहे हैं कि निगम प्रशासन अपने वाहनों को चलाने वाले चालकों पर किसी तरह की कड़ी निगरानी नहीं रखता। कई बार बिना ड्राइविंग टेस्ट और उचित प्रशिक्षण के ड्राइवरों को नौकरी पर रख लिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सड़क पर लोगों की जान पर बन आती है।

स्थानीय निवासियों ने निगम प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि निगम के वाहन अक्सर तेज रफ्तार में चलाए जाते हैं। चालक यातायात नियमों की परवाह नहीं करते और कई बार नशे में भी गाड़ी चलाते नजर आते हैं। ऐसे हादसों के बाद निगम सिर्फ खानापूर्ति करता है और दोषी चालकों पर सख्त कार्रवाई करने से बचता है। यही वजह है कि चालकों में डर नहीं होता और हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि यदि ट्रैफिक पुलिस और निगम समय रहते अपने कर्मचारियों और चालकों पर नियंत्रण रखते तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था। अब नागरिकों की मांग है कि नगर निगम के सभी वाहनों की रफ्तार और गतिविधियों पर सीसीटीवी व जीपीएस के जरिए निगरानी रखी जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज ने इस घटना को और बड़ा बना दिया है। फुटेज में साफ दिख रहा है कि निगम की गाड़ी तेज रफ्तार से आ रही है और महिला-बच्ची को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ जाती है। इस वीडियो पर लोगों ने गुस्सा जाहिर करते हुए निगम प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। लोगों का कहना है कि शहर में आए दिन हो रहे हादसे यह साबित करते हैं कि वाहन चालकों की लापरवाही पर न तो पुलिस की नजर है और न ही प्रशासन की।

इंदौर जैसे बड़े शहर में जहां ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पहले से ही कई चुनौतियां हैं, वहां इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि सड़क पर आम लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यदि प्रशासन ने अब भी लापरवाही बरती तो आने वाले दिनों में सड़क हादसों की संख्या और बढ़ सकती है और निर्दोष लोगों की जान यूं ही जाती रहेगी