23 November 2025
उज्जैन में महापौर के मौसेरे भाई पर सौंफ न देने पर चाकू से हमला, हालत नाजुक

उज्जैन में महापौर के मौसेरे भाई पर सौंफ न देने पर चाकू से हमला, हालत नाजुक

उज्जैन में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात एक बेहद चौंकाने वाली और चिंताजनक घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। मामूली से विवाद ने इतना खतरनाक रूप ले लिया कि महापौर मुकेश टटवाल के मौसेरे भाई लक्ष्मीकांत अंधेरिया (38) पर जानलेवा हमला हो गया। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें तीन हमलावर मिलकर मारपीट करते दिख रहे हैं और उनमें से एक आरोपी बेरहमी से चाकू से वार करता नजर आ रहा है।

यह पूरी वारदात संत नगर स्थित महापौर की पान की दुकान पर घटी, जिसे लक्ष्मीकांत संभालते हैं। शुक्रवार देर रात जब वे दुकान बंद कर रहे थे, तभी तीन बदमाश — लक्की उर्फ लोकेंद्र वाड़िया, सौरभ भरानी और पिंकेश अखंड (निवासी हाथीपुरा) — वहां पहुंचे और सौंफ की मांग की। सौंफ न मिलने पर कहासुनी शुरू हो गई, जो जल्द ही हिंसक झगड़े में बदल गई। पहले बदमाशों ने लक्ष्मीकांत से मारपीट की और वहां से चले गए। लेकिन कुछ ही देर बाद वे दोबारा लौटे और इस बार सीधे चाकू लेकर हमला कर दिया।

हमले में चाकू की एक गहरी चोट लक्ष्मीकांत के हार्ट के पास फेफड़ों में लगी, जिससे उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई। आनन-फानन में उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां शनिवार को उनका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, अगले 72 घंटे उनके लिए बेहद नाजुक हैं और फिलहाल उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

महापौर मुकेश टटवाल ने घटना पर आक्रोश जताते हुए कहा कि यह पूरी घटना उनके अपने पान की दुकान पर हुई, जहां लक्ष्मीकांत रोजाना काम संभालते हैं। हमलावरों ने खुलेआम धमकी देते हुए कहा, “महापौर तेरा भाई तो हमारा क्या बिगाड़ लेगा।” महापौर का आरोप है कि उन्होंने जब तक एसपी को फोन नहीं किया, पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद ही कार्रवाई शुरू हुई।

घटना की गंभीरता को देखते हुए माधवनगर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या घटना में और भी लोग शामिल थे।

इस वारदात ने उज्जैन की कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। शहरवासियों में गुस्सा और दहशत दोनों का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर शहर में मामूली विवाद पर भी खुलेआम चाकू चलाए जा रहे हैं, तो यह बेहद खतरनाक संकेत है। अब सबकी नजरें पुलिस और प्रशासन पर हैं कि इस मामले में कितनी सख्त कार्रवाई होती है और ऐसे अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।