09 October 2025
सिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा नदी किनारे 29 किमी लंबे घाटों का निर्माण, सरकार हाईकोर्ट में लगाएगी केविएट

सिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा नदी किनारे 29 किमी लंबे घाटों का निर्माण, सरकार हाईकोर्ट में लगाएगी केविएट

उज्जैन, 7 अगस्त 2025
सिंहस्थ महापर्व 2028 की तैयारियों के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर 29.215 किलोमीटर लंबे घाटों के निर्माण का कार्य तेज़ी से शुरू करने का निर्णय लिया है। लगभग 778.91 करोड़ रुपए की लागत से यह महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि शिप्रा योजना के अंतर्गत पूरी की जाएगी। सरकार को आशंका है कि निर्माण कार्य के दौरान कुछ पक्ष कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, जिससे कार्य में रुकावट आ सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विभाग हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में केविएट दायर करने की तैयारी में है।

सरकार का उद्देश्य है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था इस निर्माण के खिलाफ याचिका दायर करती है, तो कोर्ट में सरकार का पक्ष सुने बिना कोई एकतरफा आदेश न दिया जाए। जल संसाधन विभाग के वृहद परियोजना मंडल द्वारा इस परियोजना के लिए 8 मई 2025 को “स्कोप ऑफ वर्क” के तहत टेंडर मंजूर किया जा चुका है। इसके पहले 31 दिसंबर 2024 को परियोजना से जुड़ा प्रारंभिक पत्र भी जारी किया गया था।

नमामि शिप्रा परियोजना क्रियान्वयन इकाई उज्जैन को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि घाट निर्माण के किसी भी संभावित विरोध या याचिका की स्थिति में न्यायालय द्वारा तुरंत एकतरफा रोक लगाने से बचा जा सके, इसलिए समय रहते केविएट दाखिल किया जा रहा है।

रामघाट जैसे रेड स्टोन से होंगे घाट निर्माण

इस परियोजना के तहत घाटों के निर्माण में रामघाट जैसे विशेष लाल रंग के पत्थरों (रेड स्टोन) का उपयोग किया जाएगा। पहले यह योजना थी कि स्थानीय पत्थरों से घाट तैयार किए जाएं, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर डीपीआर में संशोधन कर घाटों में रामघाट जैसे पत्थरों का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। यह परिवर्तन घाटों को एक समान और ऐतिहासिक स्वरूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इन स्थानों पर होंगे निर्माण कार्य

घाट निर्माण का कार्य सिर्फ शिप्रा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे जुड़ी अन्य नदियों और क्षेत्रों में भी विकास कार्य किए जाएंगे। इनमें कान्ह नदी के गोठड़ा से शनि मंदिर तक दोनों तटों पर घाट निर्माण, शिप्रा के शनि मंदिर से नागदा बायपास तक घाट निर्माण, आत्मोलिंगेश्वर मंदिर, भर्तृहरि गुफा, अंगारेश्वर मंदिर के पास वेंटेड कॉजवे का निर्माण शामिल है।

इसके अलावा पंथपिपलाई, जमालपुरा, गोठड़ा, स्टॉप डैम, पिपलिया राघौ बैराज नंबर-2, रामवासा बैराज नंबर-2 और किथोदाराव बैराज जैसे स्थानों पर भी स्टॉप डैम और बैराज निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। उंडासा और जस्ताखेड़ी तालाब की मरम्मत तथा दुर्गादास की छतरी के पास सीसी रोड का निर्माण भी परियोजना में शामिल है।

सिंहस्थ को लेकर सरकार गंभीर

मुख्यमंत्री मोहन यादव सिंहस्थ को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने के उद्देश्य से हर स्तर पर तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। घाट निर्माण कार्य के समयबद्ध और बाधारहित क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन, पर्यावरण और शहरी सौंदर्यीकरण के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।