09 October 2025
एक दिन, तीन कार्य: इंदौर नगर निगम ने रचा इतिहास, भविष्य के स्मार्ट इंदौर की रखी आधारशिला

एक दिन, तीन कार्य: इंदौर नगर निगम ने रचा इतिहास, भविष्य के स्मार्ट इंदौर की रखी आधारशिला

इंदौर, 5 अगस्त 2025 — देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पहचाना जाने वाला इंदौर अब केवल सफाई में नहीं, बल्कि शहरी नवाचार, नागरिक सहभागिता और सतत विकास के क्षेत्र में भी अग्रणी बन चुका है। इंदौर नगर निगम ने विगत तीन वर्षों में जिस प्रकार असंभव प्रतीत होते कार्यों को संभव कर दिखाया, वह समूचे भारत के लिए एक मिसाल बन गया है।

इंदौर ने न केवल शहर की भौतिक संरचना को सुदृढ़ किया है, बल्कि नागरिक जीवन की गुणवत्ता को भी बुनियादी स्तर पर संवारा है। ‘एक दिन में तीन कार्य’ जैसे सिद्धांत पर काम करते हुए निगम ने तीन वर्षों में 3,000 से अधिक मूलभूत विकास कार्य पूर्ण किए, जिनमें सड़क, पानी, ड्रेनेज, स्वास्थ्य, स्वच्छता, ट्रैफिक और डिजिटल प्रशासन जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई।

शहर में 635 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण हुआ, जबकि 1,550 किलोमीटर पेयजल पाइपलाइन बिछाई गई। 350 किलोमीटर ड्रेनेज लाइनें डाली गईं, जिससे वर्षों से लंबित जल निकासी की समस्याओं का समाधान हुआ। जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 127 कुओं और 12 प्राचीन बावड़ियों का पुनरुद्धार किया गया, साथ ही 1,41,236 रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट्स और 512 रिचार्ज शाफ्ट्स का निर्माण किया गया।

निगम द्वारा नागरिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए 65 संजीवनी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं, वहीं स्वच्छता व्यवस्था के लिए 450 नए कचरा वाहन शामिल किए गए। खेल, शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी निगम ने नए आयाम स्थापित किए। प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए तीन पुस्तकालयों की स्थापना और 45 वार्डों में योग शेड का निर्माण इंदौर के सर्वांगीण विकास को दर्शाता है।

32 वर्षों से लंबित हुकुमचंद मिल का श्रमिक भुगतान, वर्षों से विवादित भूमि पर न्यायसंगत कार्रवाई, 90 एकड़ भूमि का पुनः अधिग्रहण, और ₹1,000 करोड़ से अधिक की कर वसूली जैसे कार्य प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनसहभागिता का परिणाम हैं।

इंदौर ने तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में भी सराहनीय पहल की है। डिजिटल पता प्रणाली, ई-गवर्नेंस पोर्टल, पेपरलेस बजट, और ‘ऑन डिमांड कचरा ऐप’ जैसी सेवाओं ने नगर प्रशासन को तकनीकी रूप से उन्नत बनाया है। नर्मदा जल प्रदाय योजना का चौथा चरण और 23 मास्टर प्लान सड़कों का निर्माण भी इस दिशा में उठाए गए दूरदर्शी कदम हैं।

“इंदौर क्लाइमेट मिशन”, “ट्रैफिक मित्र अभियान”, “योग मित्र योजना”, और “इंटर्नशिप विद मेयर” जैसे नवाचारों ने न केवल नागरिकों को प्रशासन से जोड़ा, बल्कि युवाओं को भी नेतृत्व विकास का मंच प्रदान किया है।

नगर निगम ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी ऐतिहासिक कार्य किए हैं—जलूद में PPP मॉडल पर सोलर प्लांट की स्थापना, ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट्स, और वेटलैंड सिटी का दर्जा प्राप्त कर इंदौर अब वैश्विक मंचों पर भी अपनी पहचान बना रहा है।

इंदौर नगर निगम द्वारा संचालित “जल गंगा संवर्धन अभियान” के अंतर्गत जल स्रोतों का पुनर्जीवन किया गया है, वहीं ‘मां नर्मदा चौराहा’ जैसे स्थलों का निर्माण शहर की सांस्कृतिक चेतना को नया स्वरूप दे रहा है। ‘रसोई ऑन व्हील्स’ और ‘महापौर केसरी स्पर्धा’ जैसी योजनाएं सामाजिक समरसता और परंपराओं से जुड़ाव की दृष्टि से उल्लेखनीय रही हैं।

तीन वर्षों की यह यात्रा केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि एक जनकेंद्रित सोच, पारदर्शी कार्य प्रणाली और भविष्य-दृष्टि से प्रेरित प्रशासनिक मॉडल का प्रमाण है। इंदौर नगर निगम अब एक सामान्य शहरी निकाय नहीं, बल्कि जनआकांक्षाओं का सशक्त प्रतिबिंब बन चुका है। विज़न 2047 की दिशा में आगे बढ़ता इंदौर आत्मनिर्भर भारत के शहरी भविष्य का आदर्श बनता जा रहा है।