09 October 2025
महाकाल मंदिर कार्यालय के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन, विधायक के बेटे की गिरफ्तारी की मांग

महाकाल मंदिर कार्यालय के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन, विधायक के बेटे की गिरफ्तारी की मांग

उज्जैन – उज्जैन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को महाकाल मंदिर प्रशासक के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि इंदौर-3 से बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही उन्होंने महाकाल मंदिर के प्रशासक से इस्तीफा देने की भी मांग की।

विवाद श्रावण माह के दूसरे सोमवार को हुई भस्म आरती के दौरान शुरू हुआ, जब बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष पर कथित रूप से जबरन महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने का आरोप लगा।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि गर्भगृह में जबरन घुसकर गंभीर अनैतिक कृत्य किया गया है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारी एकमात्र मांग है कि मंदिर प्रशासक तुरंत इस्तीफा दें और विधायक के बेटे को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए।” कार्यकर्ताओं ने यह भी सवाल उठाया कि आम श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश वर्जित है, फिर विधायक को किस आधार पर अनुमति दी गई?

एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा, “क्या महाकाल मंदिर अब बीजेपी के बाप का हो गया है? यहां मंत्री, विधायक और उनके बेटे तो गर्भगृह में जा सकते हैं, लेकिन आम जनता के लिए दरवाजे बंद हैं।”

उन्होंने पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो साल पहले कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी के खिलाफ सिर्फ मंदिर की देहरी तक पहुंचने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी। माया त्रिवेदी ने बताया, “मुझे तो देहरी तक भी नहीं जाने दिया गया था। मुझे धरना देना पड़ा, तब जाकर जल चढ़ाने की अनुमति मिली। जब उन्हें पता चला कि मैं कांग्रेस से हूं, तो तुरंत रोक दिया गया।”



प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा, “हम मंदिर समिति से अनुरोध करने आए हैं कि बीजेपी विधायक और उनके बेटे के खिलाफ कार्रवाई हो, जिन्होंने जबरन गर्भगृह में घुसकर वहां मौजूद पुजारियों और अधिकारियों से दुर्व्यवहार किया।”

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यही विधायक का बेटा देवास में मां चामुंडा मंदिर को रात 12:30 बजे जबरन खुलवाने और पुजारी से धक्का-मुक्की करने के मामले में आरोपी था, जिसमें तत्काल एफआईआर हुई थी। “लेकिन इस बार उज्जैन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा,” उन्होंने कहा।

कांग्रेस ने मांग की है कि जो भी जांच समिति बनाई जाए, उसमें निष्पक्ष लोगों को शामिल किया जाए। “पिछली बार भी जांच समिति केवल दिखावे के लिए बनाई गई थी, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला,” प्रदर्शनकारियों ने कहा।