
कराची में पहली बार मंचित हुई AI तकनीक से सजी रामायण, पाकिस्तानी दर्शकों का दिल जीत रही प्रस्तुति
कराची। पाकिस्तान के कराची शहर में हिंदू महाकाव्य रामायण का भव्य मंचन हो रहा है, जिसने कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की है। थिएटर ग्रुप मौज द्वारा आयोजित यह मंचन 11 से 13 जुलाई तक कराची आर्ट्स काउंसिल में हो रहा है, जिसमें आधुनिक तकनीक और भारतीय पौराणिक संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। खास बात यह है कि इस मंचन में AI तकनीक का इस्तेमाल कर पेड़ों, महलों, जंगलों और युद्ध के दृश्यों को बेहद जीवंत और आकर्षक अंदाज में दिखाया गया, जिससे हर दृश्य में दर्शकों को वास्तविकता का एहसास हुआ।
डायरेक्टर बोले- रामायण की प्रेरणा से किया मंचन, कोई डर नहीं था
शो के डायरेक्टर योहेश्वर करेरा ने कहा कि उन्होंने रामायण को मंच पर लाने का सपना देखा था और पाकिस्तान के सहिष्णु समाज में इस प्रस्तुति को लेकर उन्हें किसी भी प्रकार की धमकी या डर नहीं था। करेरा ने कहा,
“रामायण की कहानी मेरे लिए प्रेरणादायक रही है, और मैं इसे भव्यता और सौंदर्य के साथ प्रस्तुत करना चाहता था। मुझे विश्वास था कि पाकिस्तान में लोग इसे खुले दिल से स्वीकार करेंगे, और यह सच साबित हुआ।”
पहले भी कराची में मिली थी सराहना
इससे पहले नवंबर 2024 में कराची के द सेकंड फ्लोर (T2F) में भी इस नाटक का मंचन किया गया था, जहां इसे दर्शकों ने खूब सराहा था। अब आर्ट्स काउंसिल में इसे और भव्य रूप में पेश किया जा रहा है, जहां रंगीन परिधान, लाइव संगीत और बेहतरीन लाइट्स के साथ मंच को सजाया गया है।
मुख्य भूमिकाओं में युवा कलाकारों की दमदार प्रस्तुति
इस नाटक में राम की भूमिका अश्मल लालवानी ने, सीता का किरदार राणा काजमी ने और रावण का किरदार सम्हान गाजी ने निभाया है। अन्य प्रमुख किरदारों में आमिर अली (दशरथ), वकास अख्तर (लक्ष्मण), जिबरान खान (हनुमान), सना तोहा (कैकेयी) और अली शेर (अभिमंत्री) ने अपनी प्रस्तुति से जान डाल दी।
प्रसिद्ध कला समीक्षक ओमैर अलवी ने इस नाटक की प्रशंसा करते हुए कहा कि “रामायण की कहानी को सच्चाई और ईमानदारी से प्रस्तुत किया गया है। लाइव म्यूजिक, सजीव दृश्यों और रंगीन परिधानों ने मंचन को यादगार बना दिया।”



रामायण से जुड़ने पर खुशी: राणा काजमी
सीता का किरदार निभाने वाली और नाटक की निर्माता राणा काजमी ने कहा कि उन्हें यह सोचकर खुशी हुई कि वह पाकिस्तानी दर्शकों के सामने एक धार्मिक महाकाव्य को जीवंत रूप में प्रस्तुत कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही इस नाटक का विचार सामने आया, थिएटर ग्रुप के सभी कलाकार इसके लिए तुरंत तैयार हो गए।
आखिर क्यों खास है यह प्रस्तुति?
रामायण का यह मंचन पाकिस्तान में सांस्कृतिक संवाद और सहिष्णुता का संदेश दे रहा है। AI तकनीक के इस्तेमाल से यह प्रस्तुति कला प्रेमियों के लिए एक नया अनुभव लेकर आई है। पाकिस्तान जैसे देश में रामायण का खुले मंच पर मंचन होना कला, संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष:
कराची में रामायण का यह मंचन केवल एक नाटक नहीं, बल्कि पाकिस्तान में कला और सांस्कृतिक विविधता की स्वीकृति का प्रतीक बन गया है। आधुनिक तकनीक और भारतीय संस्कृति के समन्वय से यह प्रस्तुति न केवल पाकिस्तानी थिएटर प्रेमियों को बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दे रही है कि कला और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती।
- By Pradesh Express
- Edited By: Pradesh Express Editor
- Updated: Sun, 13 Jul 2025 03:06 PM (IST)
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