09 October 2025
इंदौर में पानी की किल्लत, कम बारिश ने बढ़ाई चिंता, शुरू हुए अनुष्ठान

इंदौर में पानी की किल्लत, कम बारिश ने बढ़ाई चिंता, शुरू हुए अनुष्ठान

इंदौर। शहर में मानसून इस बार अब तक मेहरबान नहीं हुआ है। इंदौर में डेढ़ माह के बारिश के सीजन में अब तक सिर्फ 6 इंच पानी गिरा है, जो औसत से 28% कम है। जुलाई के 13 दिनों में भी सिर्फ 19 मिमी (पौन इंच) बारिश दर्ज हुई है। तीन दिन से बादल छा रहे हैं, बारिश की उम्मीद बनती है, लेकिन रिमझिम भी नहीं हो रही। रविवार सुबह भी घने बादल छाए लेकिन कुछ देर बाद धूप निकल आई।

कम बारिश की वजह से शहर के तालाबों का जलस्तर भी बढ़ नहीं रहा। यशवंत सागर में 19 फीट क्षमता में से सिर्फ 9.5 फीट पानी शेष है, बिलावली तालाब में 34 फीट क्षमता के मुकाबले 15 फीट पानी है, जबकि सिरपुर तालाब भी आधा खाली हो चुका है।

मौसम विभाग का कहना है कि जल्द ही इंदौर और आसपास के इलाकों में अच्छी बारिश के आसार हैं। लेकिन मौसम के इस रूखे मिजाज ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है। पानी की कमी से पीने और सिंचाई के लिए संकट गहराने की आशंका भी जताई जा रही है।

बारिश के लिए अब धार्मिक आस्था का सहारा लिया जा रहा है। शहर के प्राचीन इंद्रेश्वर महादेव मंदिर में अच्छी बारिश की कामना के साथ अभिषेक और अनुष्ठान का दौर शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव से शीघ्र ही अच्छी वर्षा के लिए प्रार्थना की।

फिलहाल, शहरवासी आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं, उम्मीद है कि जल्द ही बादल मेहरबान होंगे और इंदौर में झमाझम बारिश का इंतजार खत्म होगा।

इस बार जुलाई में अब तक बारिश की बेहद कमजोर स्थिति बनी हुई है। पिछले साल जुलाई 2024 में जहां 9.9 इंच (करीब 10 इंच) बारिश दर्ज की गई थी, वहीं इस बार जुलाई के 12 दिन बीतने के बाद भी बारिश का आंकड़ा 1 इंच तक भी नहीं पहुंच सका है। हालात यह हैं कि शहर के तालाबों का जलस्तर तभी सुधर पाएगा, जब जुलाई में लगातार 2-3 इंच बारिश के एक-दो अच्छे स्पैल आएंगे।

मौसम वैज्ञानिक अजय कुमार शुक्ला के अनुसार, इस समय अरब सागर में कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है और न ही कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, इस कारण इंदौर में बारिश नहीं हो रही।

वहीं, मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ, एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है, जिसकी वजह से प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। अगले दो दिन में इसका असर पश्चिमी मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग में देखने को मिलेगा, जिसके बाद सिस्टम कमजोर हो जाएगा।

बारिश की इस कमी से शहर के जलस्रोतों पर संकट गहराने लगा है। यशवंत सागर, बिलावली और सिरपुर तालाब का जलस्तर घटता जा रहा है, जिससे आने वाले समय में पीने और सिंचाई के पानी की समस्या बढ़ सकती है। शहरवासियों को अब उम्मीद है कि अगले दो दिनों में मौसम मेहरबान होगा और इंदौर में बारिश की स्थिति सुधरेगी।

शनिवार को विधायक गोलू शुक्ला ने बारिश के लिए इंद्रेश्वर महादेव मंदिर में की कामना।

शहर में कम बारिश के कारण किसानों और नागरिकों की चिंता बढ़ गई है। शनिवार को इंदौर के विभिन्न मंदिरों में अच्छी बारिश के लिए रुद्राभिषेक और विशेष अनुष्ठान किए गए। इंद्रेश्वर महादेव मंदिर में 11 विद्वानों ने रुद्राभिषेक किया, वहीं रविवार को श्री अहिल्योत्सव समिति भी यहां रुद्राभिषेक कर महाआरती करेगी। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बताया कि बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं, जिसके लिए रविवार सुबह 11:30 बजे से प्रार्थना की जाएगी।

नंदिनी महिला सेवा संस्थान ने पंचामृत और फलों के रस से भगवान शिव का अभिषेक कर बारिश के लिए प्रार्थना की। विधायक गोलू शुक्ला सहित 15 संस्थाओं ने इसमें भाग लिया। रविवार को पोलोग्राउंड शिव मंदिर, परदेशीपुरा शिवधाम और गांधी हॉल के गोपेश्वर मंदिर में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर अभिषेक और विशेष अनुष्ठान होंगे।

इसी क्रम में 13 जुलाई को महेश्वर से उज्जैन के लिए बाणेश्वरी कावड़ यात्रा रवाना होगी, जिसमें 5 हजार श्रद्धालु शामिल होंगे। एयरपोर्ट रोड स्थित श्रीविद्याधाम में भी रविवार को भगवान शिव-पार्वती का अभिषेक कर बारिश की कामना की गई।