09 October 2025
इंदौर में बोहरा समाज का ‘अशरा मुबारका’ कार्यक्रम बना देश का पहला नेट जीरो इवेंट

इंदौर में बोहरा समाज का ‘अशरा मुबारका’ कार्यक्रम बना देश का पहला नेट जीरो इवेंट

इंदौर। स्वच्छता में देशभर में अग्रणी इंदौर शहर ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया इतिहास रच दिया है। बोहरा समाज द्वारा 27 जून से 5 जुलाई 2025 तक आयोजित ‘अशरा मुबारका’ कार्यक्रम को देश का पहला नेट जीरो इवेंट (शून्य कार्बन उत्सर्जन संतुलन आयोजन) के रूप में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि पर्यावरण संतुलन, कचरा प्रबंधन और जल संरक्षण के क्षेत्र में भी उदाहरण बना।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के निर्देशन में नगर निगम ने विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से इस आयोजन को शून्य अपशिष्ट और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला बनाने के लिए विशेष प्रयास किए।

कचरा प्रबंधन और जल संरक्षण की मिसाल

इस आयोजन के दौरान शहर के 21 कार्यक्रम स्थलों से प्रतिदिन औसतन 13 टन सूखा कचरा, 11 टन गीला कचरा और 41 किलोग्राम सैनिटरी वेस्ट एकत्रित किया गया। सूखे कचरे को स्थल पर ही पृथक कर मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी में भेजा गया, जबकि गीले कचरे को मोबाइल वैन और बायो मिथेनीकरण प्लांट में प्रोसेस कर उपयोगी बनाया गया।

जल संरक्षण के तहत सभी आयोजन स्थलों पर वॉटर रिचार्ज पिट का निर्माण किया गया और वर्षा जल को सीधे इन पिट्स में प्रवाहित कर भूजल स्तर बढ़ाने का कार्य किया गया। आरओ वेस्ट वाटर का उपयोग बर्तन धुलाई में किया गया और ग्रे वाटर को शोधित कर सुरक्षित रूप से प्रवाहित किया गया।

भोजन संरक्षण और सामाजिक सहयोग

कार्यक्रम में बचा भोजन दाना कम्युनिटी और अन्य संस्थाओं के माध्यम से जरूरतमंदों तक पहुंचाया गया। साथ ही, स्थलों पर रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल काउंटर स्थापित कर सामाजिक वस्तुओं का पुनः वितरण किया गया।

कार्बन उत्सर्जन संतुलन की दिशा में कदम

आयोजन से उत्पन्न 12,473 टन कार्बन उत्सर्जन को संतुलित करने के लिए नगर निगम और बोहरा समाज के सहयोग से चिन्हित भूमि पर लगभग 41,000 पौधे लगाए जाएंगे।

भविष्य के आयोजनों के लिए प्रेरणा

‘अशरा मुबारका’ कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि प्रशासन, सामाजिक संगठन और आम नागरिक यदि सामूहिक रूप से जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ काम करें, तो किसी भी बड़े आयोजन को स्वच्छ, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बनाया जा सकता है। इंदौर ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह स्वच्छता में ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय नेतृत्व में भी देश का अग्रणी शहर है।